किताबों के पन्ने पलट कर सोचते हैं , यूँ पलट जाये जिन्दगी तो क्या बात है , तमन्ना जो पूरी हो ख्वाबों में , हकीकत बन जाये तो क्या बात है , कुछ लोग मतलब के लिए खोजते है मुझे , बिन मतलब कोई आये तो क्या बात है , क़त्ल कर के तो ले जायेंगे दिल मेरा , कोई बातों से ले जाये तो क्या बात है , जो शरीफों की शराफत में बात न हो , एक शराबी कह जाये तो क्या बात है , जिन्दा रहने तक तो ख़ुशी दूंगा सबको , किसी को मेरी मौत पर ख़ुशी मिल जाये तो क्या बात है ,
No comments:
Post a Comment