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Tuesday, August 3, 2010

मेरा ब्लोगर पर पहला दिन

आज मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है की में अपने ब्लॉग पर कुछ लिखने का पर्यास कर रहा हूँ । लिखने की जब बात आती है तो सोचा जाता है की किस विषय पर लिखा जाये । तो में आज युवा होने के नाते युवाओं पर ही कुछ अपने विचार लिखना चाहूँगा । आज युवा एक विशाल शक्ति का नाम है जिसे अगर उल्टा करके देखा जाये तो उसका वायु बनता है जो अगर रुख पर उतर जाये तो उसके आगे हर कोई झुक जाता है ,लेकिन हमारे लिए यह शर्म की बात है की युवा नशे जेसी आदतों के पीछे लगकर अपना तो नुकशान कर ही रहा है साथ में देश के भविस्य को भी नरक की और ले जा रहा है । आज हर स्कूलों ,कोलेजों में किताबी सिक्षा तो दी जा रही है लेकिन टीचरों को चाइये की वो बचों को उनके लक्ष्य तक ले जा सकने के लिए उचित मार्गदर्शन करें । यह एसी उम्र होती है जिसमे पता नहीं कब पैर लड्ख्राजाएँ और बचे का भविष्य अंधकार में हो जाये । वेसे कहा जाता है की - यूँ लगता है की तूफानों के घेरों से गुजरने का नाम हैजिन्दगी , गिर -गिर के उठनाउठके संभलने का नाम है जिन्दगी ।

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