सबसे पहला राष्ट्रमंडल खेल 1930 में हेमिल्टन कनाडा में हुआ था जिसमे ११ देश शामिल हुए थे । इनमे ४०० एथलीटो ने ६ स्पोर्ट्स तथा ५९ इवेंट्स में भाग लिया था । १८ वी कोमनवेल्थ खेल २००६ में मेलबोर्न में हुए थे । १९ वी कोमनवेल्थ खेल आयोजित करने का अवसर हमारे देश को प्राप्त हुआ है । जो हमारी राजधानी नई दिल्ही में ३ अक्तूबर से १४ अक्तूबर तक आयोजित किये जायेगे ।
कोमनवेल्थ गेम को सफल आयोजित करने के लिए "कोमनवेल्थ गाँव "नेशनल हाइवे पर अक्षरधाम मंदिर के पास इमर एम् जी ऍफ़ लेण्ड प्राइवेट द्वारा बनाया गया है ।
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Monday, August 30, 2010
श्रीकृष्णा जन्मास्टमी
आने वाले २ सितम्बर को श्रीकृष्णा जन्मास्टमी है । भगवान श्रीकृष्ण जी के जन्म के उपलक्ष्य में यह मनाया जाता है जो सावन की अस्तमि यानि आठवे दिन मनाया जाता है । भगवान जी रोहिणी नक्षत्र में पैदा हुए थे । यह त्यौहार अगस्त -सितम्बर में आता है । इनका जन्म रात्रि १२ बजेअपने मामा कंस के घर हुआ था । इस दिन लोग उपवास भी रखते है ।कंस मथुरा का रजा था । श्रीक्रिशन को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है ।
Sunday, August 29, 2010
धोनी की बादशाहत ख़तम
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने आईसीसी की आज जारी एक दिवसीय रैंकिंग में नंबर वन का सिंहासन गंवा दिया लेकिन सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग आठ पायदान चढकर शीर्ष दस में लौट आये ।भारत त्रिकोणीय एक दिवसीय श्रृंखला के फाइनल में श्रीलंका से हारने के बावजूद टीम रैंकिंग में दूसरे स्थान पर बना हुआ है ।श्रृंखला से पहले छठे स्थान पर काबिज श्रीलंका तीसरे स्थान पर आ गया है । दक्षिण अफ्रीका चौथे स्थान पर है । न्यूजीलैंड छठे स्थान पर खिसक गया है । आस्ट्रेलिया शीर्ष पर और इंग्लैंड पांचवें स्थान पर है ।व्यक्तिगत रैंकिंग में तिलकरत्ने दिलशान शीर्ष पांच में लौट आये हैं । वह दक्षिण अफ्रीका के हाशिम अमला के साथ चौथे स्थान पर हैं । दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स अब धोनी की जगह शीर्ष पर काबिज हो गए हैं ।श्रीलंका में 67 की औसत से 268 रन बनाकर मैन आफ द सीरिज रहे सहवाग आठ पायदान चढकर आठवें स्थान पर पहुंच गए हैं । त्रिकोणीय श्रृंखला नहीं खेलने वाले सचिन तेंदुलकर चार पायदान गिरकर दसवें स्थान पर हैं ।गेंदबाजों में भारत के प्रवीण कुमार पांच पायदान चढकर पहली बार टाप टेन में पहुंचे हैं । वह पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी के साथ दसवें स्थान पर हैं ।
Tuesday, August 3, 2010
मेरा ब्लोगर पर पहला दिन
आज मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है की में अपने ब्लॉग पर कुछ लिखने का पर्यास कर रहा हूँ । लिखने की जब बात आती है तो सोचा जाता है की किस विषय पर लिखा जाये । तो में आज युवा होने के नाते युवाओं पर ही कुछ अपने विचार लिखना चाहूँगा । आज युवा एक विशाल शक्ति का नाम है जिसे अगर उल्टा करके देखा जाये तो उसका वायु बनता है जो अगर रुख पर उतर जाये तो उसके आगे हर कोई झुक जाता है ,लेकिन हमारे लिए यह शर्म की बात है की युवा नशे जेसी आदतों के पीछे लगकर अपना तो नुकशान कर ही रहा है साथ में देश के भविस्य को भी नरक की और ले जा रहा है । आज हर स्कूलों ,कोलेजों में किताबी सिक्षा तो दी जा रही है लेकिन टीचरों को चाइये की वो बचों को उनके लक्ष्य तक ले जा सकने के लिए उचित मार्गदर्शन करें । यह एसी उम्र होती है जिसमे पता नहीं कब पैर लड्ख्राजाएँ और बचे का भविष्य अंधकार में हो जाये । वेसे कहा जाता है की - यूँ लगता है की तूफानों के घेरों से गुजरने का नाम हैजिन्दगी , गिर -गिर के उठनाउठके संभलने का नाम है जिन्दगी ।
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