अयोध्या मामले के फेसले को देखकर मुझे तो यूँ लगता है कि .......
न हिन्दू बुरा है न मुसलमान बुरा है ,
बुराई पर उतर आये तो हर इन्सान बुरा है ।
साठ साल पुराना अयोध्या का राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद के मामले का फेसला ३० सितम्बर २०१० को ३.३० बजे सुनाया गया । तीन कुर्सी कि अद्यक्ष्ता में येफेसला सुनाया गया कि इस भूमि के तीन भाग किये गये है , जिनमे एक हिस्से पर राम मंदिर और एक हिस्से पर बाबरी मस्जिद तथा तीसरे हिस्सा साधुओं के लिए रखा गया है । वेसे देखा जाये तो अयोध्या कि सारी भूमि राम मंदिर के लिए दी जानी थी लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते है , उसी प्रकार न्यायालय के फेसले को भी मानना जरूरी है । यह बात तो हर शख्स जानताहै ,चाहे वो हिन्दू हो , मुसलमान हो , सिख हो या फिर यूँ इसाई हो कि अयोध्या में भगवान श्री राम का जन्म हुआ था और वो हमारे पूर्वज है जहाँ पर श्रीराम का मंदिर बनाया गया था । लेकिन बाबर ने भारत में आकर राज किया और राममंदिर को तोडकर उस जगह बाबरी मस्जिद का निर्माण करवा दिया तो हिन्दुओं के मन को ठेस पहुंची जिसपर उन्होंने बाबरी मस्जिद को गिरा दिया । अब फेसला आने के बाद भी काफी बवाल मचा हुआ है तो आगे क्या होता है यह तो आने वाला समय ही बतायेगा । मुझे तो यूँ लग रहा है कि .....
"गर्दिशों में घिर गया है देश मेरा इस तरह ,
वीर अभिमन्यु को घेरा था कोरवों ने जिस तरह ।
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